देता है ऊपर वाला हमे एक ही जिंदगी और कहता है जीकर दिखाओ मुझे बेचारे हम क्या क्या नही करते इसके लिए लेकिन आख़िरये तोजिंदगी है और हमे जीना पड़ता है मुस्किले आख़िर कितनी भी आ खडी हो डट कर जीना सीख लेते हैं हम बेरस वाली जिंदगी को फूलों का बगीचा बना देते हैं हम मुस्किले आज और कल तक सताएगी हम सामना करने के लिए हर वक्त तैयार हैं चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन इरादा पक्का है हमारा चट्टान भी क्या पिगल कर पानी हो जायेगा लेकिन एक का सहारा जरूर हमे मिलने से ही ये सब हो सकता है अपने ऊपर भरोसा, आत्मा विश्वास और भगवन की आराधना जिंदगी कितनी भी हो मुस्कराहट में जीना सीखो हंसो ह्साओ लाइफ में कुछ ज्यादा ... मिठास भरो ... कड़वाहट नही मेरी एक सहेली को आत्मा विश्वास बढाने की कोशिश मैं लिखी गई कविता है यदि कहीं गलतियां हो बुरा न मानिएगा