रास्ता

ढला नही है अब ढका है बादलों से घिरा ये आसमान
ढला नही है अब ढका है बादलों से घिरा ये आसमान
सोचो नहीं की ख़तम हो गया है संसार
सोचो नहीं मिट गए सारे उम्मीदें

कायम रहो निडर बंजर भूमि को भी हम उपजावू कर सकते हैं तो क्यों नही अपनी उन सपनो को
जिस पर हम बर्खारार रहते हैं आज मुश्किल वक्त से मुह मत मोड़ लो , दिखादो इस दुनिया को
दिखादो इस दुनिया को की हम भी बन सकते है उन अगणित तारों में से एक अनोखा सितारा
बस उम्मीद की एक छोटा सा आश्वाशन हमे मिल जाए तो चट्टान क्या पहाड़ को पिगला सकते है

उन आती जाती वक्त की पर्चायियों से अब हमे क्या लेना देना
उन बीती बातों से हमारा क्या तालुक जो एक बार तीर की तरह चुब जाए
उन चली रास्तों में चल चल कर अब हम और नही चल सकते तो नया पथ का खोज निकालना है
उन अमावस्या की रातों में हमे एक पूर्णिमा भरना है

रास्ते कितने भी हो टेड़े हमे उसका हल निकलना ही होगा
इस गहरी नींद से हमे जागना होगा
उस आने वाली नई पीड़ी को एक नवीन रास्ता दिखाना होगा
उस आने वाली नई पीड़ी को एक नवीन रास्ता दिखाना होगा

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