आज का दिन एक नई उमंग सी

आज का दिन ही कुछ ऐसा लग रहा है
क्या खायालें क्या लम्हे सारे गुम हो गए जैसे
लगता है कोई नया संसार आगे खड़ा है
क्यों ऐसा लग रहा है मुझे आज कुछ समझ में नहीं आ रहा है

आज सुबह की समय ही तारे चमकते दिखायी पड़ रहे हैं
ऐसा लगता है जैसे की सपना सच हो रहा है
मैं किस पल की इंतज़ार में भटक रहा हूँ ये मुझे ही पता नही
आज कुछ अजीब सा महसूस हो रहा है

पलकों में जो सपने पल के लिए आते हैं लगता है आज वो
पलकें खुली तो भी मेरे सामने आते नज़र आ रहे है
कुछ अच्छा खासा सा मालूम पड़ रहा है
आज ही क्यों मेरे मन को दर्द नही सुकून मिल रहा है

आज उस दिन जैसा दर्द न रहा ख़्वाबों ख्यालों में जो
झलकती नज़र आती थी आज अचानक मुझे क्या हुआ
उसकी पहचान तक नही मेरे मन में आज
लगता है आज कोई नया उमंग भर आया हो

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