My Love for You


चेहरे पे मुस्काहट है आंखों में चम्कीलापन है
थोडी सी शर्माहट है थोडा सा नट खट है
इतनी पास तुम आई थी दूर क्यों चली गई ?
दिल से दिल कि बातें रुख गयी है मेरी
वक़्त गुजरा चला पर फिर आई नही तुम मुझे पता ही नही चला

चलते चलते प्यार कि राह में हम कितनी दूर आ गए पीछे मुड कर देखा भी नही था
तुम्हें भूल जाने का मन नही करता
हमारा दिल भूल्भुलिया में भटक रहा है
क्या कहें मेरा दिल तो आपके प्यार में अटक गया है
ना जाने कैसा तड़प रहा है आप के प्यार के लिए
ओ सनम आजा मेरे बाहों में बिन तेरा रह न पाऊंगा मैं "


मेरी दिल्लगी कि याद में एक छोटी सी कविता ...

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