प्यार की मीठी अंगारें
छायाचित्र सौजन्य: वर्थ १०००।कॉम |
ये इश्क का नया दौर है या तेरा भोलापन ?
आज दिल ही कुछ मचला हुआ सा लग रहा है
मानो तुमसे मिलकर एक नयी लहर दिल में उठी हो
अनगणित बार ये मैं सोचा परखा
कभी प्यार में ऐसा होता है क्या ?
तन दोनों तनहा रहे दिल तेरे लिए तड़पता रहे
ये कोई चमत्कार है या मेरा ही पागलपन
इसमें दिल दुखाने की बजह दिल में समाई तेरी यादें
पक कर मानो मेरे तन को इस बेबुनियाद आग में जला रही है
क्या मेरा प्यार इतना कमजोर है जो इस आग में जल कर पिघल जाए?
यदि कभी ऐसे हुआ तो ओ जाने मन मेरा प्यार मेरा प्यार ही नहीं